नमन करें हाँ, नमन करें ,
भारत माता को, नमन करें ,
माँ के मान की,रक्षा के लिए ,
सर्वस्व अपना, बलिदान करें ,
नमन करें——–
इस पावन भूमि के, कष्टों को हरने,
स्वंम ईश्वर ने, अवतार लिए ।
नाश अधर्म,अन्याय का कर ,
संसार को सुंदर,जीवन जीने का,
है,अनमोल ज्ञान दिया ।
राम-कृष्ण ,बुद्ध ,गौतम,नानक जैसी,
दिव्य विभूतियों की,
दिव्य जननी को नमन करें ।
नमन करें —————
ज्ञान – कला, विज्ञान की है ,
अनमोल धरोहरों को संजोये ।
ज्ञानी – ध्यानी, श्रृषि मुनियों के,
ज्ञान के अमृत को प्रवाहित करती ।
वेद व्यास,शंकराचार्य,आर्यभट्टाचार्य विवेकानंद,
जैसी पुण्यात्माओं की,
पूज्य जननी को नमन करें ।
नमन करें————-
भींगा आँचल माँ भारती का,
आज भी है ,
वीरों के खून की, लाली से।
मातृभूमि की, रक्षा के लिए,
हँस कर सर्वस्व, बलिदान किया।
प्रताप,शिवाजी,लक्ष्मीबाई,भगतसिंह जैसे ,
महानायकों की,
महा जननी को नमन करें ।
नमन करें————–
विशाल हिमालय, आलिंगन माँ का,
गंगा-यमुना ममतामयी आँचल।
रंग-बिरंगे फूलों सी,
सांस्कृतिक विविधता को ,
गोद में माँ ने अपने, सजाया है।
दीपावली, ईद,क्रिसमस, लोहड़ी में,
सब बच्चों की खुशियों में हर्षाति, सहृदयी जननी को, नमन करें।
नमन करें—————-
अनिता शर्मा ✍